Wednesday, November 18, 2020

चलों हम कबूल करते हैं की हमें फ़ुरसत नहीं मिलती मगर ये भी जरा सोचो तुम्हे जब भी याद करते हैं ज़माना भूल जाते हैं.....!!

 खरीद लो मेरी साँसें,


मुझे बस तुम में जीना है !!



हम ना रहे कल तो हमारी यादें वफा करेंगी तुमसे, 

ये ना समझना की तुम्हे चाहा था बस दो दिन के लिए !!


नजर नजर में पहल हुई है 

लम्हा लम्हा  गजल  हुई है


चाँद  रात  भर  साथ  रहा

यही कमाई  असल हुई है😘


ख्वाब  कहाँ...... नजर कहाँ, 

ज़िंदगी  कहाँ....... बसर  कहाँ,

 

एक  तेरा  ख्याल  है  बाकी....... बस 

अब  मुझे  अपनी  खबर  कहाँ !!


चलों हम कबूल करते हैं

     की  हमें फ़ुरसत नहीं मिलती

मगर ये भी जरा सोचो

    तुम्हे जब भी याद करते हैं

ज़माना भूल जाते हैं.....!!

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चलों हम कबूल करते हैं की हमें फ़ुरसत नहीं मिलती मगर ये भी जरा सोचो तुम्हे जब भी याद करते हैं ज़माना भूल जाते हैं.....!!
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